PT Usha Biography : हमारे देश में आज भी स्पोर्ट्स को लेकर लोगो के बिच जागरूकता की कमी साफ़ नज़र आती है। आपको शायद अंदाज़ा भी नहीं होगा की हमारे देश में कितने स्पोर्ट्स खेले जाते है और अलग – अलग कैटेगिरी में कितने शानदार – शानदार स्पोर्ट्स खिलाड़ी है। बहुत से खिलाड़ियों के बारे में हमे तब पता चलता है जब वह किसी विश्व स्तरीय प्रतिस्पर्धा में देश का नाम रोशन करते है। एक बार कामयाबी हासिल करने के हम सभी उस स्पोर्ट्स और खिलाड़ी को लेकर जानना शुरू कर देते है। हमारे इसी अज्ञानता की वजह से आज हमारे देश में क्रिकेट के अलावा दूसरे खेलो को कम प्यार मिल रहा है। तो चलिए इसी कड़ी में आज हम आपको भारत की एक ऐसी खिलाड़ी के बारे में बताते है जिसने अपने खेल से हर किसी का दिल जीत लिया था और देश का नाम सातवें आसमान पर पंहुचा दिया था। इस लेख में हम पीटी उषा की जीवनी के हर पहलू को विस्तार से खोजेंगे, जिसमें शामिल हैं उनके उच्चतम यात्राएँ, रिकॉर्ड्स, उम्र, परिवारिक जीवन, और उनसे जुड़े कुछ रोचक तथ्य। पढ़िए ‘PT Usha Biography in Hindi‘ का यह अनूठा आलेख और जानिए इस धावक के जीवन की गहराईयां।
PT Usha Biography in Hindi और पारिवारिक परिचय :
जीवन परिचय बिंदु | पी टी उषा जीवन परिचय |
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पूरा नाम | पिलावुलकंडी थेक्केपारंबिल उषा |
अन्य नाम | पय्योली एक्सप्रेस, गोल्डन गर्ल |
जन्म | 27 जून, 1964 |
जन्म स्थान | पय्योली, कोज्हिकोड़े, केरल |
पी टी उषा माता | टी वी लक्ष्मी |
पी टी उषा पिता | इ पी एम् पैतल |
पति | वी श्रीनिवासन |
बेटा | उज्जवल |
प्रोफेशन | ट्रैक एवं फील्ड एथलीट |
हाईट | 5 फीट 7 इंच |
धर्म | हिन्दू |
पी टी उषा पूरा नाम, जन्म, परिवार (P T Usha Birth, Family) :
पी टी उषा का पूरा नाम पिलावुलकंडी थेक्केपारंबिल उषा है। पी टी उषा का जन्म 27 जून 1964 में पय्योली गाँव में हुआ था। पी टी उषा के पिता का नाम पी एम् पैतल और उनकी माता का नाम टी वी लक्ष्मी है। अपने शुरुआती दिनों में पी टी उषा अपनी हेल्थ को लेकर परेशान रहती थी। लेकिन वक्त के साथ – साथ उनकी हेल्थ में सुधार देखने को मिला। वही पी टी उषा एक बहुत ही साधारण परिवार से आती है। बचपन से ही पी टी उषा ने काफी परेशानियों का सामना किया था। लेकिन पी टी उषा ने कभी अपने सपनो को मरने नहीं दिया।
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पी टी उषा का शुरुआत करियर (P T Usha Career)
पी टी उषा के शुरुआती करियर की बात की जाए तो पी टी उषा की करियर की शुरू 1976 से हुई जब केरल सरकार ने कन्नूर में एक महिला खेल सेंटर की शुरुआत की। पी टी उषा उन 40 महिलाओ में से एक थी जिनका चयन इस सेंटर में ट्रेनिंग के लिए हुआ। उस वक्त पी टी उषा की उम्र महज 12 साल थी। लगातार ट्रेनिंग और अपनी कड़ी मेहनत के चलते पी टी उषा जल्द ही कामयाबी हासिल हुई। पी टी उषा ने 1979 में आयोजित नेशनल स्पोर्ट्स गेम्स जीत दर्ज करके खबरों में अपनी जगह बनाई।
पी टी उषा अन्तराष्ट्रीय करियर (PT Usha International Career)
पी टी उषा के इंटरनेशनल करियर की बात की जाए तो 1980 में कराची में हुए ‘पाकिस्तान ओपन नेशनल मीट’ से पी टी उषा के इंटरनेशनल करियर की शुरुआत हुई। इस टूनामेंट में पी टी उषा ने 4 गोल्ड मैडल अपने काम किये थे। 16 साल की पी टी उषा के इस कीर्तिमान की वजह से भारत के हर एक नागरिक का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। इस कीर्तिमान के बाद 1982 में पी टी उषा ने ‘वर्ल्ड जूनियर इनविटेशन मीट’ में अपना जौहर दिखाया और 200 मीटर रेस में गोल्ड और 100 मीटर रेस में ब्रोंज मैडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया वही ‘एशियन ट्रैक एंड फील्ड चैम्पियनशीप’ पी टी उषा ने 400 मीटर रेस में एक नया रिकॉर्ड बनाया और गोल्ड मैडल को अपने नाम किया। वही पी टी उषा ने कभी सीखना बंद नहीं किया और वह लगातार अपने खेल में सुधार लाती रही।
1984 में लॉसएंजिल्स में हुए ओलंपिक में पी टी उषा का प्रदर्शन काफी शानदार रहा। इस ओलंपिक के सेमी फ़ाइनल के पहले राउंड की 400 मीटर दौड़ को पी टी उषा ने काफी अच्छे से पूरा किया लेकिन फ़ाइनल में उषा 1/100 मार्जिन ने हार गई। 1985 में ‘एशियन ट्रैक एंड फील्ड चैम्पियनशीप’ में पी टी उषा ने 5 गोल्ड और 1 ब्रोंज मैडल जीता। 1986 में 10 वें ‘एशियन गेम्स’ के दौरान पी टी उषा ने अपने प्रदर्शन से हर किसी का दिल जीता और 4 गोल्ड मैडल को अपने नाम किया। इस टूनामेंट के बाद पी टी उषा को चोट का काफी सामना करना पड़ा जिसके चलते उनके करियर में भरी गिरावट देखने को मिली।
1990 में पी टी ऊषा ने संन्यास ले लिया था। धीरे धीरे पी टी उषा खेल जगत से गायब सी होने लगी। तभी 1998 में सभी को हैरान करते हुई 34 साल की उम्र में एक बार फिर पी टी उषा ने वापसी की और जापान के फुकुओका में आयोजित ‘एशियन ट्रैक फेडरेशन मीट’ में अपने शानदार प्रदर्शन के चलते उन्होंने 200 मीटर एवं 400 मीटर रेस में ब्रोंज मैडल जीता।
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पी टी उषा का पुरस्कार
वर्ष | पुरस्कार |
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1984 | अर्जुन अवार्ड |
1985 | पद्मश्री |
1985 | वर्ल्ड ट्रोफी |
1985 | एशियन एथलीट मीट |
1985 | स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ़ दी सेंचुरी’ एवं ‘स्पोर्ट्स वीमेन ऑफ़ दी मिलेनियम |
1986 | एडिडास गोल्डन शू अवार्ड फॉर दी बेस्ट एथलीट |
Year | Award/Achievement |
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1982 | Asian Games: Silver in 100m and 200m |
1982 | Asian Games: Gold in 4x400m relay |
1984 | Los Angeles Olympics: Missed bronze by 1/100th of a second |
1985 | Asian Championships: Five Gold Medals |
1986 | Asian Games: Five Gold Medals |
1998 | Padma Shri, India’s fourth-highest civilian award |
2004 | D.Litt from Kannur University, Kerala |
2019 | International Association of Athletics Federations (IAAF) Veteran Pin |
पी टी उषा लव लाइफ (P T Usha love life)
पी टी उषा की लव लाइफ की बात की जाए तो पी टी उषा ने 1991 में वी श्रीनिवासन से शादी की। अपनी शादी के बाद पी टी उषा कुछ वक्त के लिए खेल जगत से दूर हो गयी थी।
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पी टी उषा उपलब्धि (PT Usha Achievements)
पी टी उषा की उपलब्धियो की बात की जाए तो पी टी उषा ने अपने करियर में कई कीर्तिमान अपने नाम किये है। भारत के आज पी टी उषा का नाम काफी अमर हो चूका है।
- 400 मीटर रेस में पी टी उषा ने 55.42 सेकंड का एक रिकॉर्ड बनाया है जो आज भी नेशनल रिकॉर्ड है।
- पी टी उषा भारत की पहली महिला एथलीट बनी जो ओलंपिक के फाइनल तक पहुंची थी।
- पी टी उषा ने सिर्फ 16 साल की उम्र में मास्को ओलंपिक में हिस्सा लिया था।
- पी टी उषा केरल में एथलीट स्कूल चलाती है।
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