आज हम एक ऐसे Topic पर चर्चा करने जा रहे हैं जिसने दुनिया भर में Cricket Lovers के बीच कई बहसों को जन्म दिया है – “क्रिकेट का बाप कौन है, खासकर ODI Ka Baap Kaun Hai?” इस विषय को समझने के लिए, हमें Cricket के इतिहास की गहराईयों में जाना होगा। क्रिकेट का इतिहास लंबा और जटिल है, और इस खेल की उत्पत्ति ब्रिटेन के घास के मैदानों में हुई। ODI क्रिकेट की शुरुआत 1971 में हुई थी, जब अस्तित्व में आया एक नया स्वरूप, जिसने खेल को पूरी तरह से बदल दिया। ODI क्रिकेट के इतिहास में कई महत्वपूर्ण योगदानकर्ता रहे हैं, जिन्होंने इस खेल को अपनी पहचान दी है।

क्रिकेट का बाप कौन है? – ODI ka Baap Kaun Hai 2023?

क्रिकेट‘ – वह खेल जिसने भारत में धर्म की तरह स्थान बनाया है। और हम यहाँ एक ऐसे ही ऐतिहासिक विवाद पर चर्चा करने जा रहे हैं – “क्रिकेट का बाप कौन है, खासकर ODI Cricket का बाप कौन है?”

ODI क्रिकेट के उत्कर्ष की तलाश में

हम यहाँ एक ऐसे खिलाड़ी की तलाश में हैं जिसने ODI क्रिकेट को अपनी अद्वितीयता और सर्वोच्चता के साथ परिभाषित किया है।

जब विराट ‘चिकू’ कोहली ने अपनी मार्क को ODI का बाप बनाया

विराट कोहली, जिन्हें ‘चिकू’ के नाम से प्यार से जाना जाता है, वह international क्रिकेट की दुनिया के सच्चे शहंशाह हैं। उन्होंने खुद को अपने संकल्प, अद्वितीय प्रदर्शन और अभूतपूर्व सफलता के बल पर ODI क्रिकेट का बाप साबित किया है। निम्न सारणी में कोहली के अद्वितीय उपलब्धियों को उजागर किया गया है:

क्रिकेट की प्रकारमैचों की संख्याशतकीय पारी की संख्याअधिकतम स्कोरऔसत स्कोरबैट्समैन रैंकिंग (आइसीसी)
ODI2834718346.898

कोहली ने 254 ODI मैचों में खेलकर 43 शतकीय पारियां बनाईं, जिसमें उनका सर्वाधिक स्कोर 183 रन था। उनका औसत स्कोर 59.3 रन प्रति मैच है, जो कि एक अविश्वसनीय उपलब्धि है। इसके अलावा, आइसीसी की बैट्समैन रैंकिंग में विराट कोहली को पहले स्थान (21/08/2018) पर रखा गया है। यह उनके करियर की विजय और संघर्ष का प्रतीक है।

बल्लेबाजी रिकॉर्ड

  • वनडे में सर्वाधिक शतकों के अनगिनत रिकॉर्ड
  • सबसे तेज़ 8,000, 9,000, 10,000 और 11,000 वनडे रन
  • सबसे तेज़ 20,000 अंतर्राष्ट्रीय रन
  • एक आईपीएल सीज़न में सर्वाधिक रन (आईपीएल 2016 में 973 रन)
  • T20I में एक कैलेंडर वर्ष में सर्वाधिक रन (2016 में 1,604 रन)

विराट कोहली के इन उपलब्धियों ने उन्हें ODI क्रिकेट के ‘बाप‘ के रूप में स्थापित किया है, और यही कारण है कि वे क्रिकेट प्रेमियों द्वारा पूजे जाते हैं।

क्या इतिहास दोहरा रहा है? वनडे क्रिकेट का नया बादशाह रोहित शर्मा?

रोहित शर्मा, जिन्हें ‘हिटमैन’ के नाम से जाना जाता है, उन्होंने वनडे क्रिकेट में खुद को एक विश्वसनीय और विशाल बल्लेबाज के रूप में स्थापित किया है। उनके पास ऐसे अद्वितीय रिकॉर्ड हैं जो उन्हें ODI क्रिकेट का नया बादशाह बना सकते हैं। निम्न सारणी में शर्मा के अद्वितीय उपलब्धियों को उजागर किया गया है:

क्रिकेट की प्रकारमैचों की संख्याशतकीय पारी की संख्याअधिकतम स्कोरऔसत स्कोरबैट्समैन रैंकिंग (आइसीसी)
ODI2433026448.9610

रोहित ने 227 ODI मैचों में खेलकर 29 शतकीय पारियां बनाईं, जिसमें उनका सर्वाधिक स्कोर 264 रन था। यह स्कोर एकल ODI इन्निंग में बनाए गए सर्वाधिक रनों का विश्व रिकॉर्ड है। उनका औसत स्कोर 48.96 रन प्रति मैच है, जो कि एक उत्कृष्ट उपलब्धि है। इसके अलावा, आइसीसी की बैट्समैन रैंकिंग में रोहित शर्मा को दूसरे स्थान पर रखा गया है।

अगर हम रोहित शर्मा की उपलब्धियों को देखते हैं, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि वे वनडे क्रिकेट के नये बादशाह हो सकते हैं। उन्होंने अपने करियर में अनेक उत्कृष्ट प्रदर्शन किए हैं और उनकी शतकीय पारियां, सर्वाधिक स्कोर और उनकी बैट्समैन रैंकिंग इस बात का प्रमाण हैं। वह जरूरतमंद समय में टीम के लिए रन बनाने में माहिर हैं, और उनका यह गुण उन्हें अन्य बैट्समेनों से अलग करता है।

बल्लेबाजी रिकॉर्ड

  • अधिकतम व्यक्तिगत स्कोर: रोहित ने एक एकल ODI में 264 रनों की best इनिंग्स खेली है, जो अब तक का सर्वाधिक स्कोर है।
  • तीन शतक: वह एकल ODI मैच में तीन शतक बनाने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं।
  • दोहरा शतक: उन्होंने वनडे में दोहरा शतक बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है, जो कि वे तीन बार कर चुके हैं।
  • Fastest शतक: वह भारतीय टीम के लिए वनडे में सबसे तेज 100 रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं।
  • अधिकतम छक्के: उन्होंने एक एकल ODI में 16 छक्के लगाने का भी रिकॉर्ड अपने नाम किया है।
  • सर्वाधिक शतकीय पारी: उन्होंने वनडे क्रिकेट में सबसे अधिक शतकीय पारियां (20+) खेली हैं।

उनकी अद्वितीयता और उनकी क्षमता के चलते, यह कहना सही होगा कि वे वनडे क्रिकेट के नये बादशाह हो सकते हैं। उन्होंने अब तक वनडे क्रिकेट में अनेक रिकॉर्ड तोड़े हैं और आने वाले समय में और भी रिकॉर्ड तोड़ने की संभावना है। वनडे क्रिकेट के इतिहास में उनका नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।

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सचिन तेंदुलकर बनाम विराट कोहली: जनता के न्यायाधीश कौन?

सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली, दोनों ही बड़े खिलाड़ी हैं और भारतीय क्रिकेट के लिए अपने अद्वितीय योगदान के लिए मान्यता प्राप्त कर चुके हैं। निम्नलिखित सारणी में, हमने इन दोनों खिलाड़ियों के ODI क्रिकेट में प्रदर्शन का तुलनात्मक विश्लेषण किया है:

खिलाड़ीमैचों की संख्याशतकीय पारी की संख्याअधिकतम स्कोरऔसत स्कोर
सचिन तेंदुलकर46349200*44.83
विराट कोहली2834718346.89

सचिन तेंदुलकर ने 463 मैचों में 49 शतकीय पारियां बनाईं, जबकि विराट कोहली ने 254 मैचों में ही 43 शतकीय पारियां बनाईं। अगर हम इस गति को ध्यान में रखें, तो कोहली के पास सचिन के रिकॉर्ड को तोड़ने की संभावना है। विराट कोहली का औसत स्कोर 59.07 रन प्रति मैच है, जो सचिन तेंदुलकर के 44.83 से कहीं अधिक है।

इसके बावजूद, सचिन ने ODI में सबसे ज्यादा रन बनाने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है, जिसे विराट कोहली अभी तक नहीं तोड़ पाए हैं। सचिन ने 463 ODI मैचों में कुल 18,426 रन बनाए, जबकि कोहली ने 254 मैचों में 12,169 रन बनाए हैं।

अंत में, जनता ही फैसला करेगी कि कौन बेहतर खिलाड़ी है। दोनों ही खिलाड़ी अपने अपने युगों में अद्वितीय रहे हैं और उन्होंने अपनी खुद की अद्वितीय पहचान बनाई है। फिर भी, विराट कोहली की गति और उनकी अद्वितीय प्रतिभा के कारण, उन्हें सचिन के रिकॉर्ड को तोड़ने की संभावना है। जनता के न्यायाधीश कौन होगा, यह समय ही बताएगा।

वनडे क्रिकेट की महिला खिलाड़ियों का अनदेखा पहलु: ऋचा देवी, ICC की ‘क्रिकेट की बेटी

यदि हम क्रिकेट की दुनिया की बात करें, तो वनडे क्रिकेट की महिला खिलाड़ियों की चर्चा बहुत ही कम होती है। इन खिलाड़ियों का अनदेखा पहलु आमतौर पर बीता हुआ समय होता है, जो उनके योगदान के प्रति अदालत की आँखों में न्याय से कम होता है। आइये, हम इसे ऋचा देवी, भारतीय महिला वनडे क्रिकेट की ‘क्रिकेट की बेटी‘, के द्वारा विवेचना करते हैं।

ऋचा देवी, भारतीय महिला वनडे क्रिकेट की एक प्रमुख खिलाड़ी है, जिसने अपने साहसिक और तेजस्वी प्रदर्शन के साथ मैदान पर नाम कमाया है। ऋचा ने अपने करियर में कई बार भारत की जीत के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है और उन्होंने महिला क्रिकेट के लिए एक मानदंड स्थापित किया है।

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वह अपने बैटिंग स्किल्स के लिए जानी जाती हैं, और उन्होंने कई बार महत्वपूर्ण मैचों में अपनी टीम को संघर्ष से बाहर निकालने में मदद की है। वह सिद्धांतों और अपने खेल के प्रति समर्पण के साथ खेलती हैं, जो उन्हें अपने साथी खिलाड़ियों और प्रशंसकों के बीच बेहद लोकप्रिय बनाता है।

यह बात महत्वपूर्ण है कि हम भारतीय महिला क्रिकेट की बड़ी खिलाड़ियों को मान्यता देने और उनके योगदान को मनाने की आवश्यकता महसूस करें। ऋचा देवी जैसी खिलाड़ियों ने अपने करियर के दौरान कई बार अपार साहस और वीरता दिखाई है, और इन्हीं खिलाड़ियों के कारण ही हमारी महिला क्रिकेट टीम आज विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित हो सकी है।

अब, जब आप अगली बार एक महिला क्रिकेट मैच देखें, तो ऋचा देवी जैसी खिलाड़ियों के लिए सम्मान और समर्पण के साथ ताली बजाएं। उन्होंने अपने करियर में अनेक उत्कृष्टता प्रदर्शित की है, और उनके योगदान के लिए हमें उनकी प्रशंसा करनी चाहिए।

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निष्कर्ष: ODI क्रिकेट का बाप कौन है?

यह स्थिति बिलकुल एक धर्मसंकट की तरह होती है क्योंकि एक समय था जब सचिन तेंदुलकर को वनडे क्रिकेट के ‘बाप’ के रूप में देखा जाता था। फिर विराट कोहली आये, जिन्होंने उनके बनाए गए कई रिकॉर्ड तोड़े और खुद को इस खेल के नए ‘बाप’ के रूप में स्थापित किया। और अब रोहित शर्मा आ रहे हैं जो अपने धमाकेदार प्रदर्शन के साथ इस उपाधि का दावेदार बन रहे हैं।

लेकिन अंत में, हम कह सकते हैं कि इतने बदलते हुए समय में भी, जो खिलाड़ी अपनी सामर्थ्य, दृढ़ता, और कर्मठता दिखाता है, वही ODI क्रिकेट का असली ‘बाप’ होता है। इसे स्थायी रूप से किसी खिलाड़ी के नाम पर ठहराया नहीं जा सकता क्योंकि क्रिकेट में हमेशा नये खिलाड़ी आते रहते हैं और पुराने खिलाड़ी चले जाते हैं।

यहां तक कि हमारी महिला खिलाड़ियाँ भी, जैसे कि ऋचा देवी, उनकी उत्कृष्टता के साथ अपना मार्क बना रही हैं। यही क्रिकेट की खूबसूरती है, जो हमें हमेशा नये ‘बाप’ देती रहती है।

अतः, ODI क्रिकेट का ‘बाप’ कौन है, यह एक निरंतर बदलती रहने वाली स्थिति है, और हमें इसे हर नये दौर के साथ स्वीकार करना होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर में से कौन बेहतर खिलाड़ी है?

दोनों ही खिलाड़ी अपने समय के श्रेष्ठ हैं। सचिन ने अपने समय में खुद को साबित किया, जबकि विराट ने नए युग के क्रिकेट में खुद को स्थापित किया है।

ODI क्रिकेट में सबसे अच्छा कौन सा शॉट होता है?

यह पूरी तरह से खिलाड़ी पर निर्भर करता है कि उन्हें कौन सा शॉट अधिक पसंद है। कुछ खिलाड़ी हुक और पुल शॉट को पसंद करते हैं, जबकि दूसरे कवर ड्राइव या स्ट्रेट ड्राइव को पसंद करते हैं।

सचिन तेंदुलकर की अधिकतम वनडे इनिंग्स का स्कोर क्या था?

सचिन तेंदुलकर ने 24 फ़रवरी 2010 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ खेले गए एक मैच में 200 रन बनाए, जो उनकी व्यक्तिगत अधिकतम वनडे इनिंग्स का स्कोर है।

“Cricket ka baap kaun hai” – यह प्रश्न अद्वितीय रूप से कैसे निर्धारित किया जाता है?

यह प्रश्न विभाजनीय है, क्योंकि इसका उत्तर विभिन्न आयामों पर निर्भर करेगा – समयकाल, प्रदर्शन, और क्रिकेट के प्रशंसकों की प्राथमिकताएँ। समय के साथ, क्रिकेट का “बाप” बदलता रहता है। एक समय था जब डॉन ब्रैडमैन को क्रिकेट का “बाप” माना जाता था, फिर विव रिचर्ड्स, सचिन तेंदुलकर, और अब विराट कोहली और रोहित शर्मा आ रहे हैं।

“ODI Ka Baap Kaun hai” – वर्तमान में यह उपाधि किसे दी जाती है?

वनडे इंटरनेशनल्स में, विराट कोहली और रोहित शर्मा को वर्तमान में “ODI का बाप” माना जाता है। दोनों ही खिलाड़ी ने इस खेल में अपनी उत्कृष्टता दिखाई है, और उन्होंने कई रिकॉर्ड तोड़े हैं। फिर भी, यह उत्तर समय के साथ बदल सकता है, क्योंकि नए खिलाड़ी उभरते हैं और पुराने खिलाड़ी अपने आपको स्थान छोड़ते हैं।

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